एक लड़की का बचपन से लेकर जीवनसाथी चुनने तक का सफर Part - 1

मैं प्रियांशु खण्डेलवाल, भवानीमण्ड़ी (राज.) से हूँ ओर आज मेरे मन में जो भी लड़कियों और महिलाओं को लेकर विचार हैं वो आप सभी के सामने व्यक्त करने वाला हूँ.....

हमें हर दिन देखने को मिलता हैं कि हमारे देश में, हमारे समाज में लड़कियों और महिलाओं को रोजाना कितना कुछ कहा जाता हैं, सुनाया जाता हैं लेकिन फिर भी वह चुप रहती हैं। लड़की और महिला होना इतना आसान नहीं होता साहब एक बार उसकी तकलीफों को देखों तब पता चलेगा कि लड़कियां और महिलाएं कितना कुछ सहती हैं, तो आइयें चलते हैं और देखते हैं।।
एक महिला का बच्ची से स्त्री बनने तक का सफर.......
मुझे यह सब कहना तो नहीं चाहिए लेकिन जब किसी घटिया सोच वाले परिवार में लड़की पैदा होती हैं तो कहा जाता हैं कि कहा आ गयी यह मनहूस, जब उस मासूम-सी बच्ची को मनहूस कहा जाता हैं तब उसकी माँ पर क्या बितती हैं यह कभी किसी ने सोचा हैं, जरा थोडा़ तो सोचिए कि आपकी माँ, बहन एवं पत्नी भी एक लड़की ही हैं तो फिर आप उस मासूम बच्ची को ऐसा क्यों बोलते हों चलिए अब यह तो हुई एक बच्ची की बात।।

1. अब जब वह थोड़ी बड़ी होती हैं तो उससे उसका बचपन छिनना..... 
जब बेटी खिलौनों के लिए जिद करती हैं तो उस बच्ची को बचपन से ही खिलौने की जगह बेलन और चिमटा पकड़ा दिया जाता हैं, खेलने-कूदने की उम्र में रोटीयां बनाना सिखाया जाता हैं, तो उससे उसका बचपन ही छिन लिया जाता हैं।
जब बेटी तितली बनकर बागों में घूमना एवं हवा को चूमना चाहती हैं तो उसे बाहर जाने से मना कर दिया जाता हैं, लड़की होने का अहसास उसे हर रोज कराया जाता हैं।।

2. अब आती हैं बात उसकी पढाई की तो.....
जब बेटी कहती हैं कि उसे पढना हैं वह अपनी बुद्धि का विकास कर अपने मेहनत से पैरों पर खडी़ होकर आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं, वह दुनिया के व्यवहारों को देखना और समझना चाहती हैं और आगे बढ़ना चाहती हैं तो उस बच्ची से कहा जाता हैं कि पढ़ लिखकर क्या करेगी आगे जाकर तो घर का काम ही करना हैं तो साहब मेरा तो यहीं मानना हैं कि अपनी सोच सुधारे और बेटियों को पढ़ने से रोकने की जगह उन्हें पढाई के लिए प्रोत्साहित करें।।

3. अब आती हैं बात उनका सपना यानि लक्ष्य पूरा करने की.....
जब बेटियाँ अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ती हैं, जब अपनी आज़ादी के सपने देखती हैं, आसमां में उड़ने के सपने देखती हैं, खुलकर कोयल की तरह बोलने के सपने देखती हैं तो कहा जाता हैं कि पढा़ई पूरी हो गयी हैं अब कहीं जाने की जरूरत नहीं हैं घर का काम करों अब उस लड़की का संकल्प थोडा़ डगमगाने लगता हैं क्योंकि अब उसे यह लगने लगता हैं कि उसने जो सपने देखें थे वो कभी पूरे नहीं होने वाले और थक हारकर कुछ लड़कियाँ अपने सारे सपनों को अपने परिवार के लिए मार देती हैं और जब देखती हैं घर में बंद आजादी तो उस दिन उन सपनों का क्रियाकर्म भी कर देती हैं।।

4. बेटियां पराया धन.....
दिन परिवार वाले अपनी ही बेटी को "पराया धन" कहकर सम्बोधित करने लग जाते हैं बार बार उसे कहा जाता हैं बेटी पराया धन होती हैं ऐसा कहकर बार बार उसका नाजुक दिल दुखाया जाता हैं, अरे जरा सोचो जब वह समझदार की उम्र में आती हैं तब से लेकर शादी की उम्र तक आप लोगों को सम्भालती हैं तो बेटी पराया धन कैसे हो सकती हैं।।

5. जीवनसाथी चुनने का हक..... 

यहाँ भी कुछ बेटियों को रोक दिया जाता हैं उन्हें खुद के लिए जीवनसाथी चुनने का हक भी छीन लिया जाता हैं, परिवार वाले उनको बाहर जाने से मना करते हैं कहते यहाँ नहीं जाना वहाँ नहीं जाना, लड़कों की गंदी नजर रहती हैं, यह लड़का ऐसा हैं, सभी लड़के एक जैसे होते हैं बाद में धोखा दे देंगे, हमारी पसन्द का लड़का देखो बहुत अच्छा हैं, तो भाईसाहब जरूरी तो नहीं कि आपने जो लड़का देखा वह अच्छा हैं या वो धोखा नहीं देगा।। 

एक बात जो आजकल सबसे ज्यादा देखने को मिल रही हैं वह हैं कुछ लड़कियों का हद से ज्यादा आगे तक बढ़ जाना। आजकल 10th में पढ़ने वाली लड़की के भी ब्वॉयफ्रेंड होता हैं जो सच हैं और जो देखने को मिल रहा हैं वही बता रहा हूँ, दसवीं में पढ़ने वाली लड़की जहाँ तक मेरा मानना हैं इतनी ज्यादा तो समझदार होती नहीं और इसी बात का फायदा कुछ घटिया लड़के उठाते हैं और उनके साथ शारीरिक रूप से सम्बन्ध बनाने की कोशिश करते हैं और इसी डर की वजह से  ही आजकल के परिवार वालें अपनी बेटियों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं, उनकी शादी जल्दी करने का फैसला भी ले लेते हैं, जो लड़कियां आगे बढ़ना चाहती हैं या अपने भविष्य को संवारना चाहती हैं वह भी इन जैसे लोगों की वजह से नहीं बढ़ पाती।

(बात लड़कों की आयी हैं तो माफ करना बीच में एक पाइंट लेना चाहता हूँ कुछ लोग कहते हैं या लड़कियां भी कि लड़कों की नजर घटिया होती हैं या गंदी होती हैं तो मैं बताना चाहता हूँ कि कुछ घटिया लड़कों की वजह से आप सभी अच्छे लड़कों को ऐसा नहीं कह सकतें, यहाँ देखा जाता हैं कि उन बुरे लड़कों की वजह से कुछ अच्छे लड़कों को भी उसी नजरिये से देखा जाता हैं तो कृपया ऐसा ना करें🙏)

चलिए फिर से अपनी बात पर आता हूँ तो लड़कियों को उनका जीवनसाथी चुनने दें पूरी जिंदगी लड़के के साथ आपकी बेटी को गुजारनी हैं आपको नहीं, तो आपकी बेटी भी अपने लिए अच्छा ही लड़का चुनेगी तो कृपया उन्हें ना रोकें हां आपको लगता हैं या आप उस परिवार के बारे में पहले से ही कुछ ऐसा जानते हों जो आपकी बेटी को ना पता हो तो आप वहाँ उसे सच्चाई से रुबरु करवाकर रोक सकते हैं।। लेकिन आपको अपनी बिटिया पर पूरा भरोसा हैं कि वो अपने लिए कभी गलत वर नहीं चुनेगी तो उसका साथ दें क्योंकि कहते हैं ना कि बच्चों की खुशी में ही परिवार वालों की खुशी छिपी होती हैं।।

अब आगे का पार्ट लड़की के जीवनसाथी चुनने से लेकर शादी तक मन में  क्या क्या सवाल आते हैं वह भी मैं आपके सामने जल्द लेकर आऊंगा।।

हाँ यदि आपको मेरे इस लेख से लगता हैं कि मैंने कुछ गलत लिखा या आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो तो उसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ 🙏🙏 लेकिन मुझे जो सही लगा वह मैंने लिखा😊

धन्यवाद 🙏💕

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