मध्यम वर्ग की मांग मोदी सरकार से...

मैं प्रियांशु खण्डेलवाल (भवानीमण्ड़ी) लेकर आया हूँ एक बहुत ही अच्छा ब्लाॅग जो मेरे सर (श्री रविश जी वैद्य, इंदौर) द्वारा पोस्ट किया गया हैं, मुझे अच्छा लगा इसलिए सोचा कि मैं भी इसे पोस्ट करुँ..!!!

दिनांक 12 मई 2020 को हमारे प्रधानमंत्रीजी ने कोरोना महामारी संकट से उबरने के लिए देश के नाम एक संदेश दिया था, इस संदेश में प्रधानमंत्री जी ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है जो कि हमारे देश की कूल जी.डी.पी. के 10 प्रतिशत के बराबर है । एक आम आदमी के नजरिये से देखेंगे तो यह जी.डी.पी. ये आर्थिक पैकेज ये प्रति व्यक्ति आय सब केवल हमने अर्थशाश्त्र विषय में पास होने के लिए ही पढ़े थे, ये न तो तब समझ आते थे और न ही अब आते है । इसलिए ये आंकड़े , ये फेक्ट्स एंड फिगर्स केवल उन बुद्धिजीवो को ही मुबारक जो इनका विश्लेषण करने के बाद भी जनता के लिए सही नीतियां नहीं बना पाते ।

में एक आम मिडिल क्लास आदमी हूँ और मेरी भी कोरोना महामारी के चलते अच्छी आर्थिक स्थति नहीं है । आगे क्या होगा यह भी नहीं मालुम, लेकिन में अकेला नहीं हूँ जिसके यह हाल है, सम्भवतः मेरा हर मिडिल क्लास भाई , बहन यही समस्या से जूझ रहा है , उसे भी अपने और अपने बच्चो के भविष्य को लेकर बहोत चिंता हो रही होगी  क्यों की वो भी उसी आर्थिक हालात से जूझ रहा होगा या होगी  जिससे वर्तमान में खुद  गुजर रहा हूँ ।

इसलिए में आज केवल और केवल एक मिडिल क्लास वर्ग के लिए मोदी जी आप से कुछ राहत की डिमांड करता हूँ , क्यों की यही वो वर्ग है जिसने आप को बिना किसी दारू, चिकन या पैसों के लालच  के अपनी श्रद्धा से वोट दिया है , 2014 में भी दिया था और 2019 में भी दिया है , और वादा है हमारा अगर हमें इस कठिन समय में आपने सहयोग किया तो 2024 में भी देंगे । में बात करूँगा केवल लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास की जो सालाना रु.1,50,000 /- से लेकर रु.15,00,000 /- तक कमाते है या यूँ कह लीजिये की जो महीने के  रु. 15,000  से लेकर रु. 1,25,000 तक कमाते है । इस रेंज में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी, छोटे मंझोले दूकानदार और वर्किंग प्रोफेशनल्स आते है लेकिन इनमे सरकारी या अर्धसरकारी उपक्रम के कर्मचारियों को शामिल नहीं कर पाउँगा, इसलिए वे भाई-बहन मुझे माफ़ करे क्योकी आपकी आय का स्त्रोत निश्चित है लेकिन हमारे लिए वो भी निश्चित नहीं ।

 मांगे..
  1. यहाँ जो भी मांगे है वो अगले 6 महीने जो जून 2020 से नवंबर 2020 तक के लिए है । उसके बाद हम लोग अपने आप को सम्भाल लेंगे ।
  2. सबसे बड़ी चिंता हमे अपने लोन की किश्तों की हो रही है । किसी ने घर बनाने के लिए लोन लिया है , कोई बच्चो के हायर एजुकेशन के लिए लोन लिए बठा है , किसी ने माल खरीदने के लिए ओवरड्राफ्ट लिया हुआ है तो कीसी ने कार खरीदने, मोबाइल खरीदने या दुसरे कोई उपकरणों को खरीदने के लिए लोन लिया हुआ है , इसलिए  अगले 6 महीनो के लिए सभी लोन पर बिना किसी अतिरिक्त ब्याज के , बिना किसी पेनल्टी के मोरटोरियम लागू किया जाए  ( मतलब अगले 6 महीनो की  किश्तों को आगे बड़ा दिया जाए )  वो भी अनिवार्य रूप से , और साथ ही साथ इस वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए अगर कोई किश्ते बाउंस होती हो तो सिबील स्कोर को इन सब से कम नहीं किया जाए ।
  3. हमारे बच्चो की फीस हम नहीं कहते माफ़ करिए पर इस सत्र में केवल हम लोग 50% फीस ही दे पायेंगे और यह कई स्कूल वालो को हजम नही होगा, इसलिए जो स्कूल वाले फीस माफ़ करेंगे उनको हमारी तरफ से धन्यवाद लेकिन जो स्कूल वाले नहीं माने  उन सभी स्कूलो के प्रबंधन को राज्य सरकारे अपने हाथो में लेकर इस शिक्षा सत्र के लिए उसे संचालित करे । ऐसा पिछले वर्ष केजरीवाल सरकार कर चुकी है, जब स्कूल वाले मनमानी फीस वसूल कर रहे थे तो वहां की उन स्कूलों को सरकार ने अपने अधिग्रहण में ले कर उनका सफलतापूर्वक संचालन किया था ।
  4. मोदी जी कल के सम्बोधन में साफ़ कर चुके है की हमे कुछ समय कोरोना के साथ ही जीना होगा इसलिए कोरोना पॉजिटिव आने पर किसी भी सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज किया जाए और यदि किसी परिवार का कोई सदस्य कोरोना से संक्रमित हो कर अपने प्राण त्याग देता है तो उसके परिवार वालो को रु. 5,00,000  की वित्तीय सहायता प्रदान की जाए । यदि जिन लोगो ने HEALTH INSURANCE  ले रखा है तो उनका इलाज मुफ्त न करते हुए सभी बीमा कंपनियों को आदेश दिया जाये की कोरोना वाइरस के बिल का क्लेम 24 घंटे में पास किया जाए ।
  5. जिस  परिवार के सदस्य की नोकरी चली जाए उसे अधिकतम 6 महीने के लिए बेरोजगारी भत्ता दिया जाए जब तक उसकी कहीं और नोकरी नहीं लग जाती , इस भत्ते को  अप्लाई करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा प्रदान की जाए । अमेरिका स्वयं अपने नागरिको को बेरोजगारी भत्ता प्रदान कर रहा है इसलिए यह अव्यवहारिक मांग नहीं है । 
  6. सरकारी खाद्य वितरण प्राणाली के अंतर्गत मार्च 2021 तक बी.पी.एल कार्डधारको के अलावा अन्य परिवारों को भी मुफ्त या रियायती दरो पर अनाज की व्यवस्था की जाए । 
  7. जिन लोगो ने जीवनबीमा ले रखा है उन लोगो को मरणोपरांत बीमे की रकम जल्द से जल्द दिलवाने के लिए समस्त बीमा कंपनियों को आदेश दिये जाए ।
शायद भारत के इतिहास में यह पहली बार होगा की मध्यम वर्ग भी अपने हक़ के लिए आगे आ कर अपनी डिमांड सरकार के सामने रखेगा । हमारे देश की फाइनेंस मिनिस्टर श्रीमती निर्मला सीतारमण आज से 4 दिन तक 20 लाख करोड़ किस प्रकार अलग अलग सेक्टरो को बांटा जाए इस पर प्रेस कांफ्रेंस करेंगी । अगर आप लोगो को लगता है की यह सारे पॉइंट आपके हीत के लिए है तो जितना हो इस संदेश को आगे सोशल मिडिया के माध्यम से फॉरवर्ड करे ताकि सरकार तक हमारी बाते पहुंचे । यदि इन शर्तो में से कुछ भी पूरी हो जाती है तो आप को बड़ा फायदा होगा, वर्ना आगे आने वाली सारी परेशानिया आप को खुद के बूते झेलना पड़ेगी बिना सरकारी मदद के ।

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