एक लड़की का जीवनसाथी चुनने से लेकर शादी तक का सफर Part - 2

मैं प्रियांशु खण्डेलवाल, भवानीमण्ड़ी (राज.) से एक बार फिर से आप सभी के सामने हाजिर हूँ

मैनें अपने पिछले Blog में लिखा था कि कैसे एक बच्ची अपनी समस्याओं को पार करके जीवनसाथी चुनने तक का सफर तय करती हैं। अब इस लेख में मैं उनके जीवनसाथी चुनने से लेकर शादी तक का सफर कैसे बीतता हैं वह बताना चाहूंगा.....

एक लड़की के मन में शादी को लेकर उठते कुछ सवाल.....
एक लड़की जब अपना जीवनसाथी चुनती हैं तब उनके मन में शादी को लेकर बहुत सारे सवाल उठते हैं जैसे कि :-

१. शादी के लिए लड़का चुनते वक़्त लड़की उसमें सबसे पहले यह देखती हैं कि लड़के का चरित्र कैसा हैं, वह चाहती हैं कि चरित्र अच्छा हो व्यसनी ना हो, गुणी हैं या नहीं। इसके साथ साथ उसमें आंतरिक सुंदरता, उसका व्यवहार आदि।

२. जो लड़कियां लव मैरिज और इंटरकास्ट मैरिज करती हैं, उनके लिए शादी और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाती हैं। ऐसे में उनके मन में ये विचार आने लगते हैं कि क्या वो दूसरे परिवार में एडस्ट कर सकेंगी या नहीं, क्या वो वहां के कल्चर को अपना सकेंगी या नहीं, क्या उनके ससुराल वाले उनके तौर-तरीकों को मैनेज कर सकेंगे या नहीं। लड़कीयां शादी से पहले अक्सर यही सब बातें सोचती रहती हैं।

३. शादी के बाद हर लड़की को अपना मायका छोड़कर जाना होता हैं। एक तरफ जहां वो हमसफर मिलने को लेकर खुश होती हैं, वहीं भविष्य के बारे में सोचकर चिंता में भी पड़ जाती हैं। उनके मन में आता है कि क्या वो शादी करके सही कर रही हैं, इसके लिए कहीं उन्हें पछताना तो नहीं पड़ेगा, कहीं उनका जो जीवनसाथी होगा वो उसका साथ देगा या नहीं आदि।

४. शादी को लेकर दूसरा सवाल लड़कियों के मन में आता हैं कि वो जिस लड़के से जुड़ने जा रही हैं क्या वो जैसा बाहर से दिखता हैं क्या वो अंदर से भी उतना ही सुलझा हुआ हैं। ये सवाल अरेंज मैरिज करने वाली लड़कियों में ज्यादा होता हैं।

५. लड़कियां अपने होने वाले पति के स्वभाव को लेकर भी कश्मकश में रहती हैं। वो सोचती हैं कि क्या वो उनकी बातों को समझेगा और वो शादी के बाद भी उनके लिए ऐसे ही खास बना रहेगा।

६. लड़कियों के मन में शादी को लेकर ये भी सवाल आता है कि कहीं उनके विवाह से उनके माता-पिता पर तो किसी तरह का बोझ नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि शादी में होने वाले खर्चों के लिए कई पैरेंट्स को कर्ज भी लेना पड़ता है।

७. शादी के एक दिन पहले लड़कियां सबसे ज्यादा अपने ससुराल के बारे में सोचती हैं। उनके मन में ख्याल आता हैं कि क्या उसके ससुराल वाले उसके घरवालों की तरह अच्छे होंगे, उनके साथ उनकी बन पाएगी या नहीं, वो उसका मुश्किल वक्त में साथ देंगे या नहीं, वो उसे अच्छी तरह से समझ पायेंगे या नहीं वगैरह बहुत कुछ लड़की के मन में चलता रहता हैं।

८. कई लड़कियां शादी से पहले सोचती हैं कि कहीं उनकी आजादी तो खत्म नहीं हो जाएगी, क्योंकि जिस तरह वो शादी के पहले जिंदगी खुलकर जीती थी, क्या वो वैसे जी पाएंगी, क्या उन्हें अपने ससुराल वालों से और पति से सपोर्ट मिलेगा, आजादी कम मिलेगी तो भी चलेगा लेकिन कहीं पूरी तरह से खत्म तो नहीं हो जाएगी।

९. जो लड़कियां शादी से पहले जॉब करती हैं, उन्हें अपनी नौकरी की भी चिंता रहती हैं। उन्हें लगता हैं कि क्या उन्हें ससुराल में पहले की तरह काम करने की परमिशन मिलेगी क्योंकि कई लड़कियों को शादी के बाद मजबूरन अपनी जॉब छोड़नी पड़ती हैं तो क्या उन्हें भी अपनी जाॅब छोड़नी पडेगी।

१०. हर लड़की चाहती हैं कि जिस किसी से भी उसकी शादी हो वो उसका ध्यान रखें। दूसरों के सामने उसकी बातों का मान रखें, घर परिवार के अहम निणयों में उसकी राय जानें। इसलिए कई लड़कियों के मन में उलझन होती हैं कि क्या उन्हें उनके मुताबिक लड़का मिलेगा या नहीं।

यहीं सब सोचकर कुछ लड़कियाँ पीछे भी हट जाती हैं और कुछ अपने सभी सवालों का हल ढूंढ कर आगे भी बढ़ती हैं।

इतना सब सोचने के बाद लड़की शादी के लिए राजी भी हो जाती हैं अब शादी के बाद उन लड़कियों का सफर कैसा बीतता हैं यह अगले पार्ट में लिखूंगा।।

धन्यवाद 🙏💕

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