महीने के वो चार दिन😑
आप सभी ने मेरे पिछले 3 "BLOGS" तो पढ़े ही होंगे, हो सकता हैं किसी को पसन्द भी आयें हो और किसी को ना भी। लेकिन अब जो मैं लिखने जा रहा हूँ वो एक लड़की की जिंदगी का सबसे भारी वक्त होता हैं, जब उस समय उसको कोई समझ नहीं पाता तो चलिए Start करते हैं..... कुछ लोग इसे पढ़कर यह जरूर कहेंगे कि एक लड़का होकर मैं यह सब लिख रहा हूँ मुझे लिखते हुए शर्म नहीं आयी वगैरह बहुत कुछ। लेकिन जो सच हैं वहीं लिख रहा हूँ।। एक लड़की की जिंदगी कितनी कठिनाईयों से भरी होती हैं ये सिर्फ कुछ ही लोग समझ पाते हैं। पीरियड्स खूब मस्ती करने वाली लड़की भी महीने के कुछ दिनों के लिए मुरझा जाती हैं, आहें भर तड़प तड़प कर भी अपना दर्द छुपाती हैं, पेट में दर्द हैं, कमर में दर्द हैं, मामूली सा सबको यहीं बतलाती हैं, हमसे तो ना कह पाती हैं लेकिन झूठी हॅंसी हॅंस जाती हैं, चार पाॅंच दिन के लिए एक प्यारी सी हॅंसी खो जाती थी, मस्ती मजाक करने वाली डरी सहमी सी हो जाती हैं, बार बार खुद को देख औरों की नजरों से बचाती हैं, कोई पूछ लें तो कहने में शर्माती हैं।। " पीरियड्स हैं इतना भी ना बोल पाती हैं ।। " क्यो